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बीए सेमेस्टर-5 पेपर-2A इतिहास - आधुनिक विश्व का इतिहास (1453 ई. से 1815 ई.)

सरल प्रश्नोत्तर समूह

प्रकाशक : सरल प्रश्नोत्तर सीरीज प्रकाशित वर्ष : 2023
पृष्ठ :144
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 2787
आईएसबीएन :0

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बीए सेमेस्टर-5 पेपर-2A इतिहास - आधुनिक विश्व का इतिहास (1453 ई. से  1815 ई.) - सरल प्रश्नोत्तर

अध्याय - 4

तीस वर्षीय युद्ध (1618-1648 ई.)

[Thirty Years War (1618-1648 A.D.)]

प्रश्न- तीस वर्षीय युद्ध के विकास की प्रमुख घटनाओं का सविस्तार वर्णन कीजिए।

उत्तर -

तीस वर्षीय युद्ध का विकास अथवा युद्ध की प्रमुख घटनाएँ

तीस वर्षीय युद्ध के विकास और उसकी सम्पूर्ण घटनाओं को अध्ययन की सुविधा की दृष्टि से चार काल-खण्डों में विभाजित किया जा सकता है-

1. बोहेमिया का युद्ध (1618-1624),
2. डेनिस काल (1625-1629)
3. स्वीडिश काल (1630-1635),
4. फ्रांसीसी काल (1635-1648)।

(1) बोहेमियान काल अथवा बोहेमिया का युद्ध (1618-1624) - वस्तुतः तीस वर्षीय युद्ध का प्रारम्भ बोहेमिया के विद्रोह की घटना के फलस्वरूप हुआ था। इस विद्रोह का दमन करने के लिए सम्राट फर्डीनेण्ड द्वितीय ने स्पेन के सम्राट फिलिप तृतीय से आवश्यक सैनिक सहायता माँगी। आवश्यक सैन्य व्यवस्था करने के पश्चात् सम्राट ने बबेरिया की सेना के सेनापति काउन्ट टिली के नेतृत्व में एक विशाल सेना को बोहेमिया भेजा। दूसरी ओर प्रोटेस्टेन्ट संघ के संरक्षक और पेलेटाइन के शासक फ्रेडरिक ने इस संकट की घड़ी में इंग्लैण्ड से सहायता माँगी, किन्तु इस कार्य में फ्रेडरिक को सफलता नहीं मिली। सन् 1620 ई. में स्पेन की सेना ने ह्वाइट मिल के युद्ध में बोहेमिया के विद्रोहियों को पराजित कर दिया। युद्ध में पराजित होकर फ्रेडरिक भाग गया विद्रोहियों की सम्पत्ति को जब्त कर लिया गया। प्रोटेस्टेन्ट धर्म पर पूर्ण प्रतिबन्ध लगा दिया गया, पेलेटाइन राज्य पर बेवेरिया के शासक मैक्समीलियन का अधिकार स्थापित हो गया। कैथोलिक धर्म को राजधर्म घोषित किया गया। इस प्रकार तीस वर्षीय युद्ध के प्रथम चरण (1618- 1624) में कैथोलिकों को पूर्ण सफलता प्राप्त हुई थी।

(2) डेनिस काल (1625-1629) - बोहेमिया के विद्रोह के दमन कार्य में सफलता प्राप्त करके फर्डीनेण्ड द्वितीय अत्यन्त उत्साहित था। वह स्वयं कट्टर कैथोलिक था और पूरे यूरोप महाद्वीप में कैथोलिक मत का प्रचार व प्रसार करना चाहता था, किन्तु दूसरी ओर पुनर्जागरण एवं धर्म सुधार के युग प्रोटेस्टेन्ट मत समूल नष्ट करना आसान कार्य नहीं था। इस धार्मिक विवाद में बाह्य शक्तियों द्वारा हस्तक्षेप करने के फलस्वरूप इस युद्ध का स्वरूप अन्तर्राष्ट्रीय हो गया। डेनमार्क पहला राज्य था, जिसने राजनीतिक व धार्मिक उद्देश्यों की पूर्ति हेतु इस युद्ध में सक्रिय भाग लिया था। वस्तुतः डेनमार्क का राजा क्रिश्चियन चतुर्थ उत्तरी सागर पर अपना राजनीतिक प्रभुत्व स्थापित करना चाहता था तथा स्वयं प्रोटेस्टेन्ट होने के कारण वह जर्मन साम्राज्य के प्रोटेस्टेन्ट समर्थकों की सहायता करना चाहता था।

उपर्युक्त उद्देश्यों की पूर्ति हेतु सन् 1625 ई. में क्रिश्चियन चतुर्थ ने उत्तरी जर्मनी पर आक्रमण कर दिया। इस युद्ध में भी जर्मन सेना का नेतृत्व काउन्ट टिली के हाथों में था, किन्तु सम्राट फर्डीनेण्ड द्वितीय ने टिली के सहयोग के लिए वालेन्सटीन के सेनापतित्व में एक अन्य सेना भी भेज दी। दोनों ने मिलकर डेनमार्क की सेना को सन् 1629 ई. में लुटर के युद्ध में पराजित कर दिया। अन्ततेः सन् 1629 ई. में क्रिश्चियन चतुर्थ और फर्डीनेण्ड द्वितीय के मध्य एक सन्धि सम्पन्न हुई, जिसके फलस्वरूप कैथोलिक लीग का प्रभाव पुनः स्थापित हो गया। सन् 1629 ई. में ही फर्डीनेण्ड द्वितीय ने अपनी सफलताओं से प्रोत्साहित होकर सम्पत्ति वापिसी की राजाज्ञा निर्गत कर दी, जिसके आधार पर प्रोटेस्टेन्ट मत के समर्थकों के कब्जे में प्रोटेस्टेन्टों की सम्पत्ति को मुक्त कराया गया। इस प्रकार तीस वर्षीय युद्ध के प्रथम दो चरणों में प्रोटेस्टेन्टों को भीषण पराजय का मुँह देखना पड़ा था।

(3) स्वीडिश काल (1630-1635) - सन् 1630 ई. से पूर्व जर्मनी में प्रोटेस्टेन्टों की हालत अत्यन्त शोचनीय हो गयी थी। ऐसे संकट के समय मंण जर्मनी के प्रोटेस्टेन्टों ने स्वीडन के प्रोटेस्टेन्ट शासक गस्टवस एडल्फस से सहायता करने की अपील की। गस्टवस एडल्फस सन् 1611 ई. में स्वीडन का शासक बना था। उसने अपने शासनकाल में डेनमार्क, पोलैण्ड और रूस के विरुद्ध युद्ध लड़े थे और अनेक महत्त्वपूर्ण स्थानों को जीतकर अपने राज्य में मिलाया था।

स्वीडन का शासक जर्मनी के प्रोटेस्टेन्टों की सहायता करने के साथ-साथ अपनी सामुद्रिक शक्ति का विकास करना चाहता था, जिसके लिए वह बाल्टिक सागर में प्रभाव स्थापित करने का इच्छुक था। इसके अतिरिक्त पौलेण्ड व ऑस्ट्रिया की शक्ति को नियन्त्रित करके वह यूरोप महाद्वीप की राजनीति के विरुद्ध युद्ध में फ्रांस ने पूरा सैनिक एवं आर्थिक सहयोग प्रदान किया था क्योंकि फ्रांस यूरोप की राजनीति में हैप्सबर्ग राजवंश की प्रधानता व सर्वोच्चता को समाप्त करना चाहता था। सन् 1630 ई. में गस्टवस एडल्फस ने उत्तरी जर्मनी के कुछ राज्यों पर अधिकार कर लिया और जर्मनी के कुछ प्रोटेस्टेन्ट राज्यों के साथ सन्धि करने की चेष्टा की, किन्तु उन राज्यों ने संकीर्ण स्वार्थवश स्वीडन के शासक की कोई सहायता नहीं की, किन्तु सन् बीस हजार प्रोटेस्टेन्ट सैक्सनी के राजकुमारों ने स्वीडन के शासक की सहायता का 'निर्णय लिया। इन दो राज्यों की सैनिक सहायता से गस्टवस एडल्फस की शक्ति में पर्याप्त वृद्धि हो गयी। इसके पश्चात् उसने सन् 1632 ई. में लेक के युद्ध में टिली को पुनः पराजित किया और टिली की मृत्यु गयी।

प्रोटेस्टेन्टों की बढ़ती हुई शक्ति से घबराकर फर्डीनेण्ड द्वितीय ने कैथोलिक लीग की सेना का सम्पूर्ण भार वालेन्सटीन को सौंप दिया, जिसके विरुद्ध लड़ते हुए नवम्बर, सन् 1632 ई. में गस्टवस एडल्फस मारा गया। उधर कैथोलिकों ने भी सन् 1634 ई. में वानलेन्सटीन की हत्या कर दी। जुलाई, सन् 1634 ई. में स्वीडन की सेना की भीषण पराजय हो गयी, दोनों पक्षों के मध्य मई, सन् 1935 ई. में प्राग की सन्धि सम्पन्न हुई, जिसके अनुसार, साम्राज्य की सम्पूर्ण सैनिक शक्ति सम्राट के अधीन हो गयी। सैक्सनी के राजकुमार के अतिरिक्त शेष सभी राजकुमारों को अपनी-अपनी सेना भंग करने के लिए कहा गया। इस सन्धि ने कैल्विनवाद को मान्यता प्रदान नहीं की थी।

4. फ्रांसीसी काल (1635 - 1648) फ्रांस का तत्कालीन प्रधानमन्त्री रिशलूं प्राग की सन्धि के पक्ष में नहीं था। बह इस युद्ध को जारी रखना चाहता था। इसके प्रमुख कारण थे-

1. रिशलू तत्कालीन यूरोपीय राजनीति में वैप्सबर्ग राजवंश की प्रतिष्ठा को समाप्त करके फ्रांस के बूब राजवंश को प्रतिष्ठापित करना चाहता था।

2. वह फ्रांसीसी साम्राज्य की सीमाओं का विस्तार करना चाहता था, जिसके लिए हैप्सबर्ग साम्राज्य के विरुद्ध युद्ध लड़ना आवश्यक था।

उपर्युक्त उद्देश्यों की पूर्ति हेतु सन् 1635 ई. में फ्रांस भी इस युद्ध में प्रत्यक्ष रूप से सम्मिलित हो गया। इस प्रकार सन् 1618 ई. से सन् 1635 ई. तक की अवधि में यह युद्ध मुख्य रूप से धार्मिक कारणों से लड़ा गया था। किन्तु फ्रांस द्वारा युद्ध में सम्मिलित होने की घोषणा के फलस्वरूप इस युद्ध का स्वरूप राजनीतिक हो गया।

फ्रांस के प्रधानमन्त्री रिशलू ने इस युद्ध में लड़ने के लिए स्पेन के विरुद्ध स्वीडन, हॉलैण्ड तथा सेवाय के साथ सन्धि की थी। सन् 1635 ई. में रिशलू ने युद्ध की घोषणा कर दी। प्रारम्भ में फ्रांस की सेनाओं को कुछ स्थानों पर पराजित होना पड़ा, किन्तु सन् 1637 ई. के पश्चात् परिस्थितियाँ फ्रांस के अनुकूल हो गई और सन् 1642 ई. तक उसे लगातार कई युद्धों में स्पेनी सेना के विरुद्ध उल्लेखनीय सफलता प्राप्त हुई। सन् 1642 ई. में रिशलू की मृत्यु के समय युद्ध की स्थिति पूरी तरह फ्रांस के पक्ष में भी। रिशलू के उत्तराधिकारी प्रधानमन्त्री मैजारिन ने भी स्शिलू की नीति को अपनाये हुए युद्ध को जारी रखा। सन् 1648 ई. में फ्रांस तथा स्वीडन की संयुक्त सेनाओं को बुरी तरह पराजित कर दिया। दोनों पक्षों के मध्य सन् 1648 ई. में वेस्टफेलिया की सन्धि सम्पन्न हुई और इसी के साथ तीस वर्षीय युद्ध का अन्त हो गया।

वेस्टफेलिया की सन्धि (सन् 1648 ई.) की शर्तें

तीस वर्षीय युद्ध की समाप्ति के समय दोनों पक्षों के मध्य वेस्टफेलिया की सन्धि सन् 1648 ई. में सम्पन्न हुई थी। इस सन्धि की प्रमुख शर्तें निम्नलिखित हैं-

1. ऑस्ट्रिया, हंगरी तथा बोहेमिया राज्यों पर फर्डीनेण्ड का अधिकार पूर्ववत् बना रहा, जबकि जर्मनी पर उसके शासन में कटौती कर दी गयी।

2. पवित्र रोमन साम्राज्य के बाह्य स्वरूप को यथावत् रखा गया, किन्तु इस साम्राज्य के सदस्य राष्ट्रों को सार्वभौमिक अधिकार प्रदान किये गये। पवित्र रोमन सम्राट के विरुद्ध लड़े गये युद्धों को छोड़कर शेष सभी युद्धों के समय साम्राज्य के सभी सदस्य राज्य को पृथक् रूप से सन्धि करने के लिए स्वतन्त्र कर दिया गया।

3. जर्मन राज्यों के प्रत्येक शासक को किसी भी देश के साथ राजनीतिक तथा सांस्कृतिक सम्बन्ध स्थापित करने का अधिकार प्राप्त हो गया।

4. पैलेटाइन राज्य को दो भागों में विभाजित किया गया। दक्षिणी भाग चार्ल्स लुई को दे दिया गया। चार्ल्स लुई पैलेटाइन राज्य के अपदस्थ शासक फ्रेडरिक का पुत्र था। इस राज्य के उत्तरी भाग पर बेबेरिया राज्य के शासक मैक्समिलियन का अधिकार स्वीकार किया गया।.

5. ब्रेन्डेनबर्ग राज्य की शक्ति में वृद्धि की गयी। इस निर्णय के फलस्वरूप कालान्तर में प्रशा राज्य का उदय हुआ, जिसके नेतृत्व में जर्मनी के एकीकरण का आधार तैयार हुआ था।

6. यह निर्णय लिया गया कि जर्मनी के दक्षिण-पश्चिमी राज्यों में रोमन कैथोलिक धर्म को मान्यता दी जायेगी, बल्कि उत्तरी जर्मनी में प्रोटेस्टेन्ट धर्म को विकसित होने का अवसर प्रदान किया जाएगा। यह भी निश्चित किया गया कि 1 जनवरी, 1624 ई. से पूर्व रोमन कैथोलिकों व प्रोटेस्टेन्टों के अधिकार में चर्च की जो सम्पत्ति थी, वह यथावत् बनी रहेगी।.

7. आंग्सबर्ग की सन्धि की शर्तों को संशोधित करते हुए कैल्विनवासियों को अन्य धर्मावलम्बियों के समान स्वतन्त्रता प्रदान की गयी।

8. धार्मिक न्यायालयों में कैथोलिक व प्रोटेस्टेन्ट न्यायाधीशों की संख्या बराबर निश्चित हो गयी।

9. मेज, टूल व पर्दून पर फ्रांस का अधिकार स्वीकार किया गया, किन्तु जर्मनी के प्रमुख नगर स्ट्रॉसबर्ग को स्वतन्त्र घोषित किया गया।

10. बाल्टिक सागर पर स्वीडन का अधिकार स्थापित हो गया तथा उसे पश्चिमी पोमरेनिया व ब्रेमेन आदि क्षेत्र भी प्राप्त हो गये। इस निर्णय के फलस्वरूप मध्य यूरोप ऑस्ट्रिया की राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं पर अंकुश लग गया।

11. उत्तरी नीदरलैण्ड्स तथा स्विट्जरलैण्ड राज्यों की स्वतन्त्रता को मान्यता प्रदान की गयी तथा इन राज्यों की सत्ता का अन्त हो गया।

12. जर्मन संसद में फ्रांस और स्वीडन को अपने-अपने प्रतिनिधि भेजने का अधिकार प्राप्त हो गया। इस प्रकार इन दोनों देशों को जर्मनी की आन्तरिक राजनीति में हस्तक्षेप करने का अवसर मिल गया

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    अनुक्रम

  1. प्रश्न- यूरोप में राष्ट्रीय राज्यों के उदय का वर्णन कीजिए और उनके पतन की समीक्षा कीजिए
  2. प्रश्न- फिलिप-II की विदेश नीति एवं धार्मिक नीति की विवेचना कीजिए।
  3. प्रश्न- फिलिप-II की धार्मिक नीति पर प्रकाश डालिए।
  4. प्रश्न- एक वंशानुगत शासक के रूप में चार्ल्स पंचम की समस्याओं का वर्णन कीजिए।
  5. प्रश्न- रूस के आधुनिकीकरण हेतु पीटर महान ने क्या उपाय किये
  6. प्रश्न- "एलिजाबेथ का शासनकाल इंग्लैंड के इतिहास का स्वर्ण युग था।' इस कथन की व्याख्या कीजिए।
  7. प्रश्न- सामन्तवाद के पतन के लिए उत्तरदायी कारणों का उल्लेख कीजिए। (कानपुर 2012)
  8. प्रश्न- यूरोपीय सामन्तवाद की विशेषतायें बताइये।
  9. प्रश्न- स्पेन के सम्राट चार्ल्स पंचम पर संक्षिप्त नोट लिखिए।
  10. प्रश्न- राष्ट्रीय राज्यों के उदय के कारण स्पष्ट कीजिए।
  11. प्रश्न- निरंकुशवाद की विशेषतायें बताइये।
  12. प्रश्न- राष्ट्रीय राज्यों के उदय के परिणामों पर प्रकाश डालिए।
  13. प्रश्न- स्पेन के उत्कर्ष के क्या कारण थे?
  14. प्रश्न- रूस के पीटर महान का प्रबुद्ध निरंकुश शासक के रूप में मूल्याँकन कीजिए।
  15. प्रश्न- चार्ल्स पंचम के शासनकाल की प्रमुख गतिविधियों का वर्णन कीजिए।
  16. प्रश्न- चार्ल्स पंचम की गृह नीति की विवेचना कीजिए।
  17. प्रश्न- सोलहवीं सदी में यूरोप में राष्ट्रीयता का उदय किन तत्वों के अन्तर्सयोजन का परिणाम था?
  18. प्रश्न- स्पेन के पंतन के क्या कारण थे?
  19. प्रश्न- नीदरलैण्ड के विद्रोह के क्या कारण थे?
  20. प्रश्न- हेनरी चतुर्थ ने फ्रांस को किस प्रकार सुदृढ़ किया था? स्पष्ट कीजिए।
  21. प्रश्न- प्रबुद्ध निरंकुशवाद से आप क्या समझते हैं?
  22. प्रश्न- कैथेरिन द्वितीय के जीवन चरित्र एवं कार्यों का मूल्याँकन कीजिए।
  23. प्रश्न- पीटर महान की 'खुली खिड़की' की नीति के विषय में आप क्या जानते थे? इस नीति के क्रियान्वयन में वह कहाँ तक सफल रहा?
  24. प्रश्न- प्रबुद्ध निरंकुशवाद के पतन के क्या कारण थे?
  25. प्रश्न- फर्डीनेण्ड और ईसाबेला की उपलब्धियों पर प्रकाश डालिए।
  26. प्रश्न- फिलिप द्वितीय की गृहनीति की विवेचना कीजिए।
  27. प्रश्न- तानाशाही के गुण एवं दुर्गुण क्या हैं?
  28. प्रश्न- हेनरी चतुर्थ की विदेश नीति पर एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  29. प्रश्न- हेनरी सप्तम की गृहनीति का संक्षिप्त वर्णन कीजिए।
  30. प्रश्न- कैथरीन द्वितीय की धार्मिक नीति का वर्णन कीजिए।
  31. प्रश्न- हेनरी अष्टम् की धार्मिक नीति का वर्णन कीजिए।
  32. प्रश्न- मेरी ट्यूडर का मूल्याँकन कीजिए।
  33. प्रश्न- चार्ल्स द्वितीय की विदेश नीति पर प्रकाश डालिए।
  34. प्रश्न- हेनरी अष्टम् व पोप के मध्य संघर्ष का वर्णन कीजिए।
  35. प्रश्न- चार्ल्स पंचम की धार्मिक नीति पर प्रकाश डालिए।
  36. प्रश्न- क्या फ्रेडरिक महान को सही अर्थों में एक प्रबुद्ध निरंकुश शासक कहा जा सकता है?
  37. प्रश्न- लुई ग्यारहवाँ क्या वास्तव में 'फ्रांसीसी राष्ट्र निर्माता' था? स्पष्ट कीजिए।
  38. प्रश्न- प्रोटेस्टेण्ट धर्म की विशेषताएँ क्या थीं?
  39. प्रश्न- 16वीं सदी की धार्मिक उथल-पुथल का क्या प्रभाव पड़ा?
  40. प्रश्न- काल्विनवाद की प्रमुख विशेषताओं का वर्णन कीजिए।
  41. प्रश्न- ऐंग्लिकन चर्च का वर्णन कीजिए।
  42. प्रश्न- काल्विनवाद के प्रमुख सिद्धान्तों का वर्णन कीजिए।
  43. प्रश्न- पुनर्जागरण से क्या तात्पर्य है? पुनर्जागरण के विभिन्न कारणों का उल्लेख कीजिए।
  44. प्रश्न- पुनर्जागरण के कारणों का उल्लेख कीजिए।
  45. प्रश्न- यूरोपीय देशों के जनजीवन पर पुनर्जागरण के प्रभावों की विस्तार सहित व्याख्या कीजिए?
  46. प्रश्न- यूरोप में पुनर्जागरण के फलस्वरूप मानव के सामाजिक, धार्मिक एवं आर्थिक क्षेत्र में क्या परिवर्तन हुए? स्पष्ट कीजिए।
  47. प्रश्न- पुनर्जागरण की शुरूआत इटली से ही क्यों हुई?
  48. प्रश्न- पुनर्जागरण की प्रमुख विशेषताएँ या लक्षण क्या थे?
  49. प्रश्न- पुनर्जागरण का राजनीतिक क्षेत्र पर क्या प्रभाव पड़ा था?
  50. प्रश्न- पुनर्जागरण का स्थापत्य कला के क्षेत्र पर क्या प्रभाव पड़ा?
  51. प्रश्न- पुनर्जागरण का मूर्तिकला के क्षेत्र में क्या प्रभाव पड़ा?
  52. प्रश्न- पुनर्जागरण का संगीत कला पर क्या प्रभाव पड़ा?
  53. प्रश्न- पुनर्जागरण का विज्ञान के क्षेत्र में क्या प्रभाव पड़ा?
  54. प्रश्न- पुनर्जागरणकाल के महत्व को स्पष्ट कीजिए।
  55. प्रश्न- जर्मनी में पुनर्जागरण पर एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  56. प्रश्न- रोम में पुनर्जागरण से आप क्या समझते हैं?
  57. प्रश्न- पुनर्जागरण काल में इटली में साहित्य एवं कला के विकास की विवेचना कीजिए।
  58. प्रश्न- पुनर्जागरण का साहित्य के क्षेत्र में क्या प्रभाव पड़ा?
  59. प्रश्न- यूरोप में धर्म सुधार आन्दोलन का वर्णन कीजिए। काल्विनवाद तथा लूथरवाद की तुलना कीजिए।
  60. प्रश्न- काल्विनवाद से आप क्या समझते हैं? काल्विन का लूथर से तुलनात्मक अध्ययन कीजिए।
  61. प्रश्न- धर्म सुधार आन्दोलन के महत्व एवं परिणामों का वर्णन कीजिए।
  62. प्रश्न- धार्मिक सुधार प्रतिक्रिया आन्दोलन में कौन-कौन से सहायक तत्त्व थे?
  63. प्रश्न- धर्म सुधार आन्दोलन से आप क्या समझते हैं? इस आन्दोलन की पृष्ठभूमि तथा कारणों की व्याख्या कीजिए।
  64. प्रश्न- धर्म सुधार आन्दोलन के तात्कालिक कारण बताइये।
  65. प्रश्न- धर्म सुधार आन्दोलन के बौद्धिक जागरण सम्बन्धी कारण बताइये।
  66. प्रश्न- धर्म सुधार के आर्थिक एवं धार्मिक कारणों का उल्लेख कीजिए।
  67. प्रश्न- धर्म सुधार के राजनीतिक कारणों को समझाइये।
  68. प्रश्न- धर्म सुधार आन्दोलन में मार्टिन लूथर के योगदान का मूल्यांकन कीजिए।
  69. प्रश्न- प्रतिधर्म सुधार आन्दोलन से आप क्या समझतें हैं?
  70. प्रश्न- "धर्म सुधार आन्दोलन पोप-पद की सांसारिकता का भ्रष्टाचार के विरुद्ध एक नैतिक विद्रोह था।' वाइनर एवं मार्टिन के इस कथन की विवेचना कीजिए।
  71. प्रश्न- प्रति धर्म सुधार आन्दोलन से आप क्या समझते हैं? इसके महत्व और परिणामों का विश्लेषण कीजिए।
  72. प्रश्न- प्रतिवादी धर्म सुधार आन्दोलन को निरूपित कीजिए।
  73. प्रश्न- धर्म सुधार आन्दोलन के क्या कारण थे?
  74. प्रश्न- धर्म सुधार आंदोलन के परिणामों की संक्षिप्त विवेचना कीजिए।
  75. प्रश्न- मार्टिन लूथर के बारे में आप क्या जानते हैं?
  76. प्रश्न- मार्टिन लूथर के विचारों को स्पष्ट कीजिए।
  77. प्रश्न- धर्म सुधार आन्दोलन के आर्थिक कारणों को स्पष्ट कीजिए।
  78. प्रश्न- धर्म सुधार आन्दोलन के क्या राजनीतिक कारण थे?
  79. प्रश्न- धर्म सुधार आन्दोलन का तात्कालिक कारण क्या था?
  80. प्रश्न- आग्सबर्ग संधि की संक्षिप्त व्याख्या कीजिए।
  81. प्रश्न- धर्म सुधार आन्दोलन का यूरोप के राजनैतिक और आर्थिक विकास पर क्या प्रभाव पड़ा?
  82. प्रश्न- ऐंग्लिकन विचारधारा का धर्म सुधार आन्दोलन में क्या योगदान रहा?
  83. प्रश्न- इंग्लैंड में धर्म सुधार के क्या कारण थे?
  84. प्रश्न- जैसुइट संघ का महत्व बताइए।
  85. प्रश्न- फ्रांस में धर्म सुधार आन्दोलन पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  86. प्रश्न- धर्म सुधार आन्दोलन के स्वरूप को बताइये।
  87. प्रश्न- जर्मनी के धर्म सुधार आन्दोलन के क्या कारण थे?
  88. प्रश्न- धर्म सुधार आन्दोलन के महत्त्व को स्पष्ट कीजिए।
  89. प्रश्न- यूरोप में कैथोलिक चर्च ने धार्मिक आन्दोलनों को रोकने के लिए क्या प्रयास किए? इन प्रयासों में उसे कहाँ तक सफलता प्राप्त हुई?
  90. प्रश्न- तीस वर्षीय युद्ध के विकास की प्रमुख घटनाओं का सविस्तार वर्णन कीजिए।
  91. प्रश्न- तीस वर्षीय युद्ध के कारणों की व्याख्या कीजिए।
  92. प्रश्न- तीस वर्षीय युद्ध के क्या परिणाम हुए व इसका यूरोपीय इतिहास में क्या महत्व है?
  93. प्रश्न- तीस वर्षीय युद्ध के परिणामों को संक्षेप में बताइए।
  94. प्रश्न- वेस्टफालिया की सन्धि पर संक्षित टिपणी लिखिए।
  95. प्रश्न- वेस्टफेलिया की सन्धि के क्या प्रावधान थे?
  96. प्रश्न- वेस्टफेलिया की सन्धि के क्या परिणाम हुए?
  97. प्रश्न- तीस वर्षीय युद्ध में स्पेन की पराजय के क्या कारण थे?
  98. प्रश्न- इंग्लैण्ड ने सन् 1688 ई. की क्रान्ति के कारणों तथा परिणामों की व्याख्या कीजिए। इस क्रान्ति को 'गौरवपूर्ण (वैभवशाली) क्रान्ति तथा रक्तहीन क्रान्ति क्यों कहा जाता है?
  99. प्रश्न- 1688 ई. क्रान्ति के प्रमुख कारणों का उल्लेख कीजिए।
  100. प्रश्न- क्रान्ति के प्रभाव अथवा परिणामों का वर्णन कीजिए।
  101. प्रश्न- हेनरी सप्तम ने इंग्लैण्ड में किस प्रकार एक सुदृढ़ राज्य की स्थापना की थी? समझाइये।
  102. प्रश्न- हेनरी सप्तम की गृह नीति अथवा आन्तरिक उपलब्धियों के बारे में ज्ञात कीजिए।
  103. प्रश्न- हेनरी सप्तम की सफलता के कारणों पर प्रकाश डालिए।
  104. प्रश्न- हेनरी सप्तम की विदेश नीति के बारे में बताइए।
  105. प्रश्न- एलिजाबेथ का शासनकाल इंग्लैण्ड के इतिहास में स्वर्ण युग था। इस कथन के औचित्य को सिद्ध कीजिए।
  106. प्रश्न- ग्रेट ब्रिटेन में संसदीय सुधारों का क्रमागत अध्ययन प्रस्तुत कीजिए। (कानपुर 2018)
  107. प्रश्न- एलिजाबेथ के शासनकाल में इंग्लैण्ड की नीति के प्रमुख उद्देश्य क्या थे?
  108. प्रश्न- एलिजाबेथ की वैदेशिक उपलब्धियों को समझाइये।
  109. प्रश्न- गौरवपूर्ण क्रान्ति के धार्मिक परिणाम क्या निकले?
  110. प्रश्न- गुलाबों के युद्ध के महत्त्व को समझाइए।
  111. प्रश्न- इंग्लैण्ड की क्रान्ति की विवेचना कीजिए।
  112. प्रश्न- इंग्लैण्ड की वैभवपूर्ण क्रान्ति का महत्व बताइये।
  113. प्रश्न- एलिजाबेथ के समझौते पर एक संक्षिप्त लेख लिखिए।
  114. प्रश्न- चार्ल्स द्वितीय कौन था?
  115. प्रश्न- इंग्लैंड के द्वितीय गृहयुद्ध (1646-1649 ई.) के संक्षिप्त परिणाम लिखिए।
  116. प्रश्न- एलिजाबेथ के चरित्र का वर्णन कीजिए।
  117. प्रश्न- 1688 की गौरवपूर्ण क्रान्ति के राजनीतिक, धार्मिक तथा तात्कालिक कारणों को संक्षेप में बताइए।
  118. प्रश्न- इंग्लैण्ड की क्रान्ति को रक्तहीन क्रान्ति क्यों कहा जाता है?
  119. प्रश्न- इंग्लैण्ड के भारतीय उपनिवेश की स्थापना पर प्रकाश डालिए।
  120. प्रश्न- इंग्लैण्ड की एलिजाबेथ प्रथम की विदेश नीति का आलोचनात्मक परीक्षण कीजिए।
  121. प्रश्न- 'इंग्लैण्ड' में संसदीय व्यवस्था पर टिप्पणी लिखिये।
  122. प्रश्न- गौरवपूर्ण क्रांति के परिणाम स्पष्ट कीजिए।
  123. प्रश्न- इंग्लैंड द्वारा उत्तरी अमेरिका में उपनिवेश की स्थापना का वर्णन कीजिए।
  124. प्रश्न- औद्योगिक क्रान्ति से आप क्या समझते हैं? अमेरिकी क्रान्ति के कारणों को स्पष्ट कीजिए।
  125. प्रश्न- अमेरिका की क्रांति के घटना चक्र का वर्णन कीजिए।
  126. प्रश्न- क्रान्ति पूर्ण अमेरिका की स्थिति पर प्रकाश डालिए तथा अंग्रेजों की असफलता के कारण बताइए।
  127. प्रश्न- अमेरिकी क्रान्ति का स्वरूप क्या था? क्रान्ति के प्रभावों की विवेचना कीजिए।
  128. प्रश्न- अमेरिकी क्रान्ति के महत्व का आलोचनात्मक परीक्षण कीजिए।
  129. प्रश्न- औद्योगिक क्रान्ति के कारणों को स्पष्ट कीजिए।
  130. प्रश्न- औद्योगिक क्रान्ति प्रभावों को विवेचना कीजिए।
  131. प्रश्न- अमेरिकी क्रान्ति का स्वरूप बताइए।
  132. प्रश्न- अमेरिका में उपनिवेशवाद के महत्व पर प्रकाश डालिये।
  133. प्रश्न- अमेरिका के स्वतन्त्रता संग्राम के दो कारण बताइये।
  134. प्रश्न- 'बोस्टन टी पार्टी' से आप क्या समझते हैं?
  135. प्रश्न- अमेरिकी क्रान्ति के प्रमुख कारणों में उस पर इंग्लैण्ड द्वारा लगाये जाने वाले नवीन कर व एक्ट भी थे। स्पष्ट कीजिए।
  136. प्रश्न- अमेरिकी क्रांति के महत्व का परीक्षण कीजिए
  137. प्रश्न- अमेरिकी क्रान्ति के परिणामों को संक्षेप में बताइए।
  138. प्रश्न- "फ्रांस की क्रांति जितनी शस्त्रों का संघर्ष थी उतनी ही विचारों की " कथन को स्पष्ट कीजिए।
  139. प्रश्न- 1789 की क्रांति से पूर्व फ्रांस की राजनैतिक, सामाजिक एवं आर्थिक दशा का वर्णन कीजिए।
  140. प्रश्न- 1789 ई. की फ्रांसीसी क्रान्ति के तात्कालिक, सामाजिक तथा राजनीतिक कारणों को बताइए।
  141. प्रश्न- बौद्धिक आन्दोलन का फ्रांस की क्रांति पर क्या प्रभाव पड़ा?
  142. प्रश्न- फ्राँस में ही क्रान्ति क्यों हुई? स्पष्ट करें।
  143. प्रश्न- फ्रांस की राज्य क्रान्ति के क्या परिणाम थे?
  144. प्रश्न- सन् 1789 ई. की फ्रांसीसी क्रान्ति के महत्त्व पर प्रकाश डालिए। फ्रांस में ही क्रान्ति पहले क्यों हुई?
  145. प्रश्न- फ्रांसीसी क्रान्ति के प्रारम्भ होने के प्रमुख कारण बताइये।
  146. प्रश्न- स्वतन्त्रता, समानता तथा बन्धुत्व की भावनाएँ 1789 की फ्रांसीसी क्रान्ति का परिणाम थी। परीक्षण कीजिए।
  147. प्रश्न- फ्रांसीसी क्रान्ति (सन् 1789 ई.) के राजनैतिक कारण बताइए।
  148. प्रश्न- फ्रांसीसी क्रान्ति की उपलब्धियों का उल्लेख कीजिए।
  149. प्रश्न- रूसो कौन था उसके विचारों की समीक्षा कीजिए।
  150. प्रश्न- 1789 ई. की फ्रांसीसी क्रान्ति के आर्थिक कारणों की विवेचना कीजिए।
  151. प्रश्न- दांते कौन था? फ्रांसीसी क्रान्ति में उसका क्या योगदान रहा?
  152. प्रश्न- वाल्टेयर तथा दिदरों के विचारों को स्पष्ट कीजिए।
  153. प्रश्न- क्वेस्ने तथा मान्टेस्क्यू के विचारों को प्रस्तुत कीजिए।
  154. प्रश्न- फ्रांसीसी क्रांति का प्रारम्भ किस प्रकार हुआ?
  155. प्रश्न- 1789 की फ्रांस की क्रांति की विशेषताओं का वर्णन कीजिए।
  156. प्रश्न- बास्तील के पतन पर संक्षित टिपणी लिखिये।
  157. प्रश्न- फ्रांस की पुरातन व्यवस्था की मुख्य कमियों की विवेचना कीजिए।
  158. प्रश्न- "जैकोबिन क्लब" की फ्रांस की क्रांति में क्या भूमिका थी?
  159. प्रश्न- जिरोंदिस्तों की फ्रांस की क्रांति में क्या भूमिका थी?
  160. प्रश्न- 1789 ई. में फ्रांस की क्रांति के समय तत्कालीन राजा और रानी की भूमिका का वर्णन कीजिए।
  161. प्रश्न- फ्रांस में 14 जुलाई का महत्व क्यों है?
  162. प्रश्न- "नेपोलियन क्रांति का मित्र एवं शत्रु दोनों था।" चर्चा कीजिये।
  163. प्रश्न- 1799 के संविधान पर प्रकाश डालिए। प्रथम सलाहकार के रूप में नेपोलियन के कार्यों का वर्णन कीजिए।
  164. प्रश्न- नेपोलियन की महाद्वीपीय व्यवस्था क्या थी? इसकी असफलता के क्या कारण थे?
  165. प्रश्न- महाद्वीपीय व्यवस्था की असफलता को समझाइए।
  166. प्रश्न- नेपोलियन बोनापार्ट के पतन के क्या कारण थे?
  167. प्रश्न- "मैं क्रान्ति का पुत्र हूँ।"मैंने क्रान्ति को नष्ट किया।" नेपोलियन के इस कथन को स्पष्ट कीजिए।
  168. प्रश्न- 'यदि नेपोलियन बोनापार्ट का अन्त वर्ष 1807 में हो जाता, तो वैश्विक सैन्य इतिहास में वह सर्वश्रेष्ठ माना जाता।" कथन का परीक्षण कीजिए।
  169. प्रश्न- नेपोलियन बोनापार्ट ने फ्रांस के पुनर्निर्माण के लिए क्या प्रयत्न किये?
  170. प्रश्न- नेपोलियन की महाद्वीपीय व्यवस्था संक्षेप में बताइए।
  171. प्रश्न- टिलसिट की सन्धि पर एक टिप्पणी लिखिए।
  172. प्रश्न- नेपोलियन बोनापार्ट के प्रारम्भिक जीवन का संक्षिप्त वर्णन कीजिए।
  173. प्रश्न- नेपोलियन बोनापार्ट वाटरलू के युद्ध में क्यों असफल रहा?
  174. प्रश्न- 1804 1807 के मध्य नेपोलियन के उत्कर्ष पर एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  175. प्रश्न- नेपोलियन के सौ दिनों के शासन पर लेख लिखिए।
  176. प्रश्न- सम्राट के रूप में नेपोलियन का मूल्यांकन कीजिए।
  177. प्रश्न- नेपोलियन युग का महत्व स्पष्ट कीजिए।
  178. प्रश्न- नेपोलियन द्वारा राजतन्त्रवादियों के विद्रोहों के दमन पर लघु लेख लिखिए।
  179. प्रश्न- नेपोलियन पर रोमन कानून का क्या प्रभाव पड़ा?
  180. प्रश्न- नेपोलियन की सफलता के प्रमुख कारण कौन-कौन से थे? स्पष्ट कीजिए।
  181. प्रश्न- नेपोलियन बोनापार्ट ने फ्रांस के सम्राट का पद कैसे ग्रहण किया? अतः जनता ने उसे क्यों मान्यता दी?
  182. प्रश्न- नेपोलियन के प्रशासन सम्बन्धी सुधारों का वर्णन करो?
  183. प्रश्न- नेपोलियन प्रथम के पतन के कारणों पर प्रकाश डालिए।
  184. प्रश्न- प्रथम कॉन्सल के रूप में नेपालियन द्वारा किए गए सुधारों का वर्णन कीजिए।
  185. प्रश्न- नेपोलियन बोनापार्ट का मूल्यांकन कीजिए।
  186. प्रश्न- नेपोलियन के सार्वजनिक और शिक्षा सम्बन्धी सुधारों का वर्णन कीजिए?

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